Saturday, September 16, 2023

रामा पीर का नया भजन

 रामदेव जी का नया भजन

अरजी लिखूं रामा, म्हारी अरज सुणो,

म्हारा अजमल जी रा कंवरा,

भाटी हरजी ढाऴे चवरां,  

म्हारा द्वारका रा नाथ,

राखो सर पर म्हारे हाथ, 

राणी नैतल रा भरतार, 

करलो अरजी आ स्वीकार, 

कंवरा म्हारी अरज सुणो...


अरजी लिखूं रामा, म्हारी अरज सुणो,

म्है तो  आया थ्हाके द्वार, 

आई'ज करता एक पुकार, 

थ्हारे पगऴिया रा दास,

म्हाने नी करजौ उदास,

म्हाने दर्शन दीजौ आज, 

म्हारी राख लीजौ लाज, 

कंवरा म्हारी अरज सुणो...


अरजी लिखूं रामा, म्हारी अरज सुणो,

थ्है तो पीरां रा हो पीर, 

सुणजौ सुगणा बाई रा वीर,

थ्है हो मैणादे रा लाल,

भैरू राखस रा थ्है काऴ, 

ऴीळण घोड़ी रा असवार, 

सुणजो  क्रिसण रा औतार, 

कंवरा म्हारी अरज सुणो ...


अरजी लिखूं रामा, म्हारी अरज सुणो,

थ्हाने ध्यावे सगळौ देस, 

म्हारो काटो थ्है क्ळेस, 

म्है तो बोला थ्हाकी जात, 

रळी पूरी कर दो आज, 

म्है तो आवां थ्हारै धाम,

पूरण कीजौ म्हारा काम, 

कंवरा म्हारी अरज सुणो...


अरजी लिखूं रामा, म्हारी अरज सुणो,

 थ्हाकी भादवै री दसम, 

रूणिचै मेळे री रसम, 

थ्हाके आवे जाजम सारी,

थ्हाको परचो मोटो भारी,

थ्हाका जैकारा लगावा, 

थ्हाकै भन्डारौ चढ़ावा, 

थ्हाकै फेरिया लगावा, 

बाबा म्हारी अरज सुणो...

रामा म्हारी अरज सुणो...

पीरा म्हारी अरज सुणो...

धणिया म्हारी अरज सुणो...

कंवरा म्हारी अरज सुणो...